सतेंद्र पाठक की रिपोर्ट :
बेतिया : प0 चंपारण बेतिया के स्थानीय रिद्धि सिद्धि होटल के सभागार में किसानों के समस्याओं से संबंधित एक बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें किसानों के 14 सूत्री मांगों से संबंधित मांग पत्र प्रधानमंत्री एवं बिहार के मुख्यमंत्री को भेजने का निर्णय लिया गया और मांगों को यथाशीघ्र पुरा नहीं होने पर किसान आन्दोलन करने एवं न्यायालय के शरण में जाने को मजबूर होंगे। यह भी निर्णय लिया गया कि किसानों को संगठित करने एवं एकता के लिए प्रत्येक प्रखंड में किसान जागरण अभियान चलाया जाएगा और बैठकें होगी।
सभा को संबोधित करते हुए तत्कालीन भाजपा जिलाध्यक्ष संजय कुमार पांडेय ने बताया की बिहार के किसानों का कृषि ऋण माफ कर अन्य समस्याओं के निदान हेतु मुख्यमन्त्री एवं प्रधानमन्त्री को मांग को लेकर ज्ञापन दिया गया है। पुरे देश में बिहार की कृषि आधारभूत सुविधाओं, संसाधनों के आभाव एवं किसानों के आर्थिक तंगी के कारण काफी पिछड़ी हुई है। बाढ़ एवं सुखाड़ भी इसका एक प्रमुख कारण है। सबके बाद भी देश में जहाँ पंजाब, उतर – प्रदेश , महाराष्ट्र एवं मध्य – प्रदेश सहित कई राज्यों में किसानों को विभिन्न तरह के सुविधाओं के साथ – साथ कृषि ऋण माफ कर किसानों को राहत पहुंचाने की घोषणा की है लेकिन बिहार जैसे पिछडे राज्य के लिए कहीं कुछ नहीं है। किसानों हेतु सरकारी स्तर पर बनी राहत एवं अन्य योजनाओं का जमीन पर भौतिक सत्यापन किया जाय, तभी किसानों की वास्तविक स्थिति का पता चल जाएगा। विडंबना तो यह है कि फसल बीमा योजना के लाभ पाने में भी (सही मुल्यांकन के आभाव और लूँज – पूँज स्थानीय एवं प्रशासनिक व्यवस्था) किसान वंचित हो जाते हैं। ऐसी विकट स्थिति में बिहार के किसान भी कृषि क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों के तरह विकसित होने की इच्छा तो रखते हैं लेकिन संसाधनों के कमी , आधारभूत संरचना का आभाव एवं आर्थिक तंगी के साथ – साथ कर्ज में डुबे होने के कारण मजबूर हैं और निरंतर बदहाल होते जा रहे हैं। किसान मांग करते हैं कि अन्य राज्यों की तरह बिहार के भी किसानों का कृषि ऋण माफ करने की घोषणा यथाशीघ्र की जाय तथा तत्काल कृषि ऋण की वसूली पर रोक लगे, गन्ना का मुल्य 500 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया जाय। साथ ही केन एक्ट के प्रावधानों का सख्ती से पालन हो और गन्ना किसानों को भी, धर्म – कांटा लगाने की छूट दी जाय ताकि घटतौली पर लगाम लग सके। इस मौके पर बबुआ जी दुबे, सत्येंद्र शरण, छठु जी सहित कई किसान उपस्थित रहे।