नई दिल्ली : उरी में सेना के जवानों पर हुए हमले के बाद एक बार फिर सेना के जवानों को निशाना बनाते हुए बड़ा आतंकी हमला हुआ है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर पुलवामा जिले के लेथपोरा में सेना के काफिले को निशाने बनाते हुए फिदायीन हमला किया गया, जिसमें अब तक 42 जवानों के मारे जाने की खबर है। इस आतंकी हमले और 42 से ज्यादा जवानों की मौत को लेकर देश भर में उबाल देखने को मिल रहा है और लोग इस मामले में मोदी सरकार से कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।
सीआरपीएफ का 78 वाहनों का काफिला 2500 जवानों को लेकर जम्मू से श्रीनगर आ रहा था। इनमें ज्यादातर अपनी छुट्टी बिताकर ड्यूटी ज्वाइन करने जा रहे थे। सामान्य तौर पर एक हजार जवान काफिला का हिस्सा होते हैं। जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर पुलवामा जिले के लेथपोरा में काफिले को निशाना बनाया गया। पुलिस के अनुसार आत्मघाती वाहन को चला रहे मानव बम की शिनाख्त कर ली गई है। वह पुलवामा जिले के काकापोर का आदिल अहमद था, जो वर्ष 2018 में आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद में शामिल हुआ था।
पुलिस के अनुसार काफिला वीरवार को सुबह साढ़े तीन बजे जम्मू से शुरू हुआ था। उम्मीद की जा रही थी कि सूर्यास्त से पहले यह काफिला श्रीनगर पहुंच जाएगा। अमूमन रोड ओपनिंग पार्टी काफिले से पहले रहती है। घटना के तुरंत बाद सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना स्थल को सील कर स्थिति का जायजा लिया। सुरक्षाबलों द्वारा आस पास के इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान भी चलाया गया।
फिदायीन हमला होने के साथ ही पूरी घाटी में अलर्ट कर दिया गया। हाईवे पर दोनों ओर से यातायात रोक दिया गया था। सैन्य प्रतिष्ठानों तथा संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हाईवे सहित जगह-जगह नाके लगाकर वाहनों की चेकिंग की जा रही है।