चन्दौली चकिया स्थानीय क्षेत्र के लतीफशाह बांध के पास एतिहासिक काल के प्रथम चरण की सभ्यता के अवशेष मिलने से अब यह पुष्ट हो गया है कि यहां उस जमाने में मानव जाति की एक बस्ती रही है। पिछले महिनों से बीएचयू प्राचीन भारतीय इतिहास,संस्कृति एंव पुरातत्व टीम के द्वारा खुदाई के दौरान 3800 वर्ष पूर्व के मानवों द्वारा निर्मित सामानों की बडी मात्रा में अवशेष मिले है।यह खबर जैसे ही मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुची लोग उस स्थान को देखने के लिए दौड़ पड़े।बता दें कि कर्मनाशा नदी के किनारे चल रहे खुदाई में अब तक टीम को 3800वर्ष पूर्व की मानव सभ्यताओं के अवशेष मिलें है।वही शनिवार को इसी क्षेत्र के गोलवा पहाड़ी के पास पड़ताल में दस हजार साल पुराने अवशेषों के मिलने से टीम की रोचकता और बढ़ गयी है।
बीएचयू के शोध छात्रों द्वारा किये जा रहे खुदाई के दौरान मिट्टी के पात्र, चाकू, कुल्हाड़ी कच्चा लौहा गलाने की कई भठ्ठियां हड्डियों के औजार सहित उस समय की तमाम चीजे खुदाई के दौरान प्राप्त हुई है।इससे यह साबित होता है कि यहां भी उस जमाने में मानव जीवन था।
इस टीम के नेतृत्वकर्ता डा० प्रभाकर उपाध्याय ने बताया कि खुदाई में प्राप्त अवशेष कई सौ साल पहले विंध्य के जंगलों में निवास कर रहे अगरिया जनजाति के लोगों के द्वारा बनाये गये प्रतित होते है।उन्होंने बताया कि टीम द्वारा आने वाले दिनों में क्षेत्र के कई जगहों पर खुदाई की जायेगी।उन्होंने बताया कि इन अवशेषों का परीक्षण आई आई टी बीएचयू के विज्ञान पदार्थ विभाग द्वारा किया जायेगा तब इसका सही आकलन हो पायेगा।टीम के लोगों ने बताया कि आने वाले दिनों में बीएचयू का भूगर्भ विभाग जमीन के नीचे मिलने वाले अन्य पदार्थो की खोज करेगा।