जानिए क्या है छठ पूजा Chhath Puja का विशेष महत्व ,पूजा के दौरान किन मंत्रों का करें जाप और पढ़ें यह आरती
जानिए क्या है छठ पूजा Chhath Puja का विशेष महत्व ,पूजा के दौरान किन मंत्रों का करें जाप और पढ़ें यह आरती

जानिए क्या है छठ पूजा Chhath Puja का विशेष महत्व ,पूजा के दौरान किन मंत्रों का करें जाप और पढ़ें यह आरती

Chhath Puja : आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को आज बिहार, झारखंड समेत देश के विभिन्न हिस्से में मनाई जा रही है। चार दिवसीय इस पर्व की शुरुआत 8 नवंबर से हुई थी, जिसका समापन 11 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दे कर किया जाएगा। छठ पर्व Chhath Puja में छठी मैय्या को साक्षी मानते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और उनसे संतानों की सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। छठ के पर्व में 36 घंटे का निर्जल व्रत रखा जाता है। छठ का व्रत और पूजन सबसे कठिन व्रत माना जाता है।इस दिन सूर्य देव के साथ छठ मइया की पूजा की जाती है और अर्घ्य दिया जाता है।छठ का व्रत संतान प्राप्ति और उसकी खुशहाली के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि छठ व्रत रखने से छठी मइया मनोकामना पूरी करती हैं। इस व्रत में सूर्य देवता की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। 36 घंटे का निर्जला व्रत रखने के बाद उगते सूरज को अर्घ्य देने के बाद सूर्य भगवान की पूजा की जाती है। जानिए Chhath Puja के दौरान किन मंत्रों का करें जाप और पढ़ें यह आरती-

अर्घ्य देते समय पढ़ें सूर्य मंत्र (Chhath Puja Surya Arghya mantra)-

ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।

सूर्यदेव मंत्र (Surya Dev Mantra)

आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते।।
ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।।

छठी मइया की आरती (Chatth Puja Aarti)-

जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।। जय।।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदिति होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।। जय।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।। जय।।
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडरराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय।।
ऊ जे सुहनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।। जय।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय।।
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।।जय।।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।।जय।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।।जय।।

बिहार,पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में मनाया जाता है छठ पर्व Chhath Puja

छठ पर्व Chhath Puja मुख्य तौर पर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है. छठ पर्व में 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है l मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत खास तौर पर संतान प्राप्ति और उसकी खुशहाली के लिए रखा जाता है। जो लोग संतान सुख से वंचित होते हैं, उनके लिए यह व्रत लाभकारी साबित होता है l मान्यता है कि छठ पूजा करने से छठी मइया की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं l

जानिए छत पूजा Chhath Puja के व्रत का महत्व

इस त्योहार के दौरान पूरा परिवार एक साथ इकट्ठा होता है और एक साथ ही सूर्य देव की प्रार्थना करता है। इसमें महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखती हैं और संतान की सुख समृद्धि व दीर्घायु की कामना के लिए सूर्यदेव और छठी मैया की अराधना करती हैं l पौराणिक कथाओं के अनुसार छठी मैया सूर्य देवता की बहन हैं l छठ पूजा बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बहुत महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता हैl

उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद होता है व्रत का समापन

छठ पूजा के चौथे दिन पानी में खड़े होकर उगते यानी उदयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है l इसे उषा अर्घ्य या पारण दिवस भी कहते हैं l अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाएं सात या ग्यारह बार परिक्रमा करती हैं l इसके बाद एक दूसरे को प्रसाद देकर व्रत खोला जाता है l 36 घंटे का व्रत अर्घ्य देकर ही तोड़ा जाता है l व्रत की समाप्ति सुबह अर्घ्य के बाद संपन्न मानी जाती है l

छठ पूजा Chhath Puja में इन चीजों की पड़ती है विशेष जरूरत

प्रसाद रखने के लिए बांस की दो तीन बड़ी टोकरी, लोटा, थाली, दूध, बांस या पीतल के बने तीन सूप और जल के लिए ग्लास, चावल, लाल सिंदूर, धूप और बड़ा दीपक, पानी वाला नारियल, गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो, सुथनी और शकरकंदी, हल्दी और अदरक का पौधा ,नाशपाती और बड़ा वाला मीठा नींबू, जिसे टाब भी कहते हैं, शहद की डिब्बी, पान और साबुत सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम, चन्दन, मिठाई, नए वस्त्र साड़ी-कुर्ता पजामा, आदि l

क्या हैं छठ पूजा Chhath Puja सूर्य अर्घ्य के समय

सूर्यास्त समय (10 नवंबर 2021)- 05:30 PM

सूर्योदय समय (11 नवंबर 2021)- 06:41 AM

इस त्यौहार में साफ-सफाई का रखा जाता विशेष ख्याल

कार्तिक मास की षष्ठी तिथि के दिन छठ का मुख्य व्रत रखा जाता है l इस दिन साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है l पूजा का प्रसाद बनाते समय या फिर पूजा करते समय हाथों को बिल्कुल साफ रखना चाहिए l यहां तक कि स्नान आदि के बाद साफ वस्त्र आदि पहनें l

 

 

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