सहरसा से गुलशन कुमार की रिपोर्ट:
सहरसा।देश के सांसद एवं लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजे गये शरद यादव को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली राहत से कार्यकर्त्ताओं में जश्न का माहौल है। इसको लेकर स्थानीय शंकर चौक पर जदयू शरद गुट और महागठबंधन के नेताओं व कार्यकर्त्ताओं ने अबीर गुलाल एवं पटाखे छोड़कर प्रसन्नता जताई। अब इन्हे सांसद के तौर पर मिलने वाली उनकी तमाम सुविधाएं भत्ता, बंगला, चिकित्सा मुहैया कराई जाएगी। मौके पर जदयू शरद गुट के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य धनिकलाल मुखिया ने कहा कि राज्यसभा सांसद शरद यादव की सदस्यता लोकतंत्र विरोधी ओछी राजनीती करने वाले लोगों के कारण रद्द कर दी गई। हद तो तब हो गई जब राज्यसभा में विपक्षी दल के नेता गुलाम नबी आजाद एवं सांसद नरेश अग्रवाल ने जब सांसद में तानाशाह राज के खिलाफ आवाज उठाई तो सभापति वेंकैया नायडू ने आवाज को दबा दिया। नरेश अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग की चर्चा की जिसे सभापति ने सुनने से इंकार कर दिया। सत्ता की कठपुतली बने संवैधानिक संस्थाओं का सच जनता के सामने आ गया है। सांसद को मिलने वाली तमाम सुविधाएं बहाल रखने का आदेश जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि न्याय के प्रति आस्था जताते हुए कार्यकर्त्ताओं को भरोसा है कि सत्ता के दबाब में सभापति का एक तरफा फैसला निरस्त होगा। जदयू शरद गुट के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य धनिकलाल मुखिया के अनुसार शरद जी और अली अनवर ने पार्टी की सदस्यता नही छोड़ी बल्कि नीतीश कुमार द्वारा जनादेश का अपमान कर भाजपा के साथ जाने का विरोध दर्ज किया। महागठबंधन में शामिल राजद, कांग्रेस, जदयू ने मिलकर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया था।