नई दिल्ली : एससी-एसटी एक्ट और आरक्षण व्यवस्था को लेकर जारी घमासान के बीच लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और मोदी सरकार में मंत्री रामविलास पासवान का बड़ा बयान सामने आया है। आरक्षण व्यवस्था को लेकर सवर्णों की नाराज़गी को देखते हुए रामविलास पासवान ने कहा है कि सवर्णों को भी 15 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का कहना है कि उंची जातियों को भी 15 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा की कभी भी ऊंची जातियों के प्रति विरोध की धारणा नहीं रही है। सवर्ण भाजपा की रीढ़ की हड्डी हैं। वो पार्टी के प्राकृतिक सहयोगी हैं।
अंग्रेजी अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि एससी/एसटी अधिनियम और पदोन्नति में आरक्षण पर सरकार की स्थिति के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन सरकार के लिए चिंता का विषय नहीं हैं। छह महीने पहले हमने बहुत सारे विरोध झेले हैं, जिससे निपटना मंत्रियों के लिए मुश्किल हो गया था।
‘दलित वोट भाजपा से दूर हो गए थे’ के सवाल पर उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर दलित वोट भाजपा से दूर हो गए थे। रोहित वेमुला और जेएनयू विवाद के बाद माहौल खराब हो गया था। मोदी को दलित विरोधी कहा जाने लगा था, लेकिन अब यह स्थिति नहीं है।
‘एससी और एसटी की तुलना में ओबीसी की संख्या ज्यादा हैं। क्या आरक्षण को लेकर उनका विरोध चुनाव परिणामों पर असर डालेगा?’ इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा कोई विरोध है ही नहीं, क्योंकि एससी और ओबीसी के बीच खून का रिश्ता है।