सुल्तानपुर : लम्भुआ के थानाध्यक्ष व विवेचक अभिलेखों के साथ तलब, गैर हाजिर रहने पर कोर्ट ने अपनाया कड़ा रूख

संतोष यादव की रिपोर्ट :

सुलतानपुर : ट्रक रिलीज मामले में कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस वांछित अभिलेख प्रस्तुत नहीं कर सकी, जिस पर कड़ा रूख अख्तियार करते हुए सीजेएम सपना शुक्ला ने थानाध्यक्ष लम्भुआ व विवेचक को आगामी 6 अप्रैल के लिए व्यक्तिगत रूप से तलब कर स्पष्टीकरण मांगा है। गैरहाजिर रहने पर कठोर कार्यवाही की चेतावनी भी मिली है।



मामला लम्भुआ थाना क्षेत्र के कुबेर शाह पट्टी गांव से जुड़ा है, जहां के रहने वाले अधिवक्ता दानबहादुर यादव की ट्रक वाहन संख्या यूपी 65 आर 5936 को बीते 30 जुलाई के दिन आरोपी आनंद कुमार उर्फ विक्की कोयला लदाने के बहाने चंदौली जिला स्थित सीतापुर वाराणसी ट्रांसपोर्ट ले गया। जहां से कई दिनों तक ट्रक वापस न आने पर जब दानबहादुर ट्रांसपोर्ट पहुंचे तो आनंद के सहयोगियों ने उन्हें दौड़ा लिया। इस मामले में काफी किरकिरी होने के बाद लम्भुआ पुलिस ने घटना के करीब तीन माह उपरांत बीते 2 नवम्बर को आरोपी आनंद उर्फ विक्की सहित चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

मामले की जांच के दौरान दरोगा रामलखन बीते पंद्रह दिसम्बर को ट्रांसपोर्ट गए और ट्रक बरामदगी भी की। इस दौरान ट्रांसपोर्टर के कब्जे से ट्रक दानबहादुर को हैंडओवर कराने के नाम पर दरोगा रामलखन ने मामुली औपचारिकता पूरी की और वहां से आने पर ट्रक को थाने में खड़ा करा लिया।जिसके बाद पुलिस दानबहादुर से उनकी ट्रक बरामदगी को बड़ा काम बताकर उनसे बार्गनिंग करने लगी और डिमांड पूरी न होने पर दौड़ाती रही। पुलिस का यह कारनामा देख ट्रक मालिक ने बीते 21 दिसम्बर को अदालत में ट्रक रिलीज अर्जी दी। कई पेशियों तक अदालत थाने से आख्या मांगती रही और तीन पेशियों पर थानाध्यक्ष के खिलाफ कारण बताओं नोटिस भी जारी किया। इतना कुछ होने के बाद भी पुलिस ने अदालत को कोई रिपोर्ट देना मुनासिब नहीं समझा।



पुलिस की इस लचर कार्यशैली को देखकर जब अदालत ने कड़ा रूख अपनाया तो लम्भुआ पुलिस ने कुछ दिनों पहले मालिक को बगैर कोई सूचना दिए और बगैर कोई लिखा-पढ़ी किए ट्रक को नरहरपुर क्रासिंग के पास रोड पर छोड़ आयी, जिसे क्षतिग्रस्त भी कर दिया गया है। ट्रक को क्षतिग्रस्त कर खड़ी करने के पीछे वसूली न होने की वजह से पुलिसिया नाराजगी सामने आ रही है। फिलहाल अभी तक ट्रक दानबहादुर को नहीं मिली है। वहीं पुलिस भ्रामक तथ्य पेश कर ट्रक दानबहादुर के सुपुर्द करने का दावा कर रही है। जबकि देखा जाए तो माल-मुकदमा को बगैर किसी लिखा-पढ़ी व विधिक प्रक्रिया को अपनाए एक विवेचक कैसे ट्रक उसके मालिक को दे सकती है, यह बात पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रही है।

इस मामले में पुलिस के दावे पर संज्ञान लेते हुए पिछली पेशी पर कोर्ट ने थानाध्यक्ष व विवेचक को अभिलेखों के साथ बुलाया था, लेकिन उन्होंने अदालत के आदेश को नजरअंदाज किया। मामले में सुनवाई के दौरान ट्रक मालिक के अधिवक्ता ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कड़ी कार्यवाही की मांग की। जिस पर संज्ञान लेते हुए सीेजेएम सपना शुक्ला ने थानाध्यक्ष धर्मराज उपाध्याय व विवेचक रामलखन की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी करते हुए सभी अभिलेखों के आगामी 6 अप्रैल के लिए व्यक्तिगत रूप से उन्हें तलब किया है। अदालत ने आदेश के अवमानना करने पर कड़ी कार्यवाही की चेतावनी भी दी है।


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