सुल्तानपुर : पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पृथ्वीपाल यादव को फर्जी केस में फंसाए जाने की साजिश विफल


संतोष यादव की रिपोर्ट :

सुल्तानपुर : पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व लम्भुआ क्षेत्र से वर्तमान जिला पंचायत सदस्य पृथ्वीपाल यादव को फर्जी फसायें जाने की चल रही चाल एक बार फिर बेनकाब हो गई। लम्भुआ क्षेत्र के ही दलित रामराज द्वारा अपनी बहू व जिला पंचायत सदस्य मीना सिंघानिया के अपहरण का मुकदमा पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष पृथ्वीपाल के खिलाफ अभी दो दिन पहले लम्भुआ थाने में दर्ज करवाया गया था। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अपहरण के दर्ज मुकदमें से राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया। पूर्व अध्यक्ष सफाई देते रह गए कि किसी सदस्य के अपहरण से उनका कोई नाता नही है। न वे चुनाव लड़ रहे है, न ही चुनाव लड़ा रहे है, वे भी औरों की तरह एक जिला पंचायत सदस्य है। लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी।



इसी बीच घर से बाहर गई रामराज की बहू व जिला पंचायत सदस्य मीना ने अपना एक वीडियो वायरल किया, जिसमें बताया कि उसका किसी ने अपहरण नही किया है,बल्कि स्वेच्छा से अपने बच्चों के संग घूमने बाहर आई है। तब जाकर पुलिस कुछ नरम पड़ी। मीना के ससुर रामराज ने कल पुलिस अधिकारी को दिए अपने बयान में भी संतुष्टि जाहिर की है। रामराज के मुताबिक उनकी गलत फहमियां अब दूर हो गई। रामराज ने भी दूरभाष पर बताया कि बहू बेटों से मेरी बात हो गई। वे जहाँ भी है खुश है। उनकी ख़ुशी में मेरी ख़ुशी है।

रामराज के इस बयान से एक बुजुर्ग का कहना है कि एक के बाद एक साजिशन शिकार हो रहे पृथ्वीपाल यादव इस बार भी अपने विरोधियों द्वारा रची गई साजिश से बच तो जरूर निकले,लेकिन उन पर खतरा अभी टला नही। उन्हें आगे भी किसी अन्य मामले में उनके बिरोधी फ़साने की साजिश कर सकते है। गौरतलब है कि पृथ्बीपाल यादव के राजनीतिक विरोधी उनके पीछे काफी दिन से सक्रिय हैं। समय-समय पर उन्हें मात देने की कोशिश अर्से से चली आ रही है। वह अलग बात रही कि विरोधियों को हर बार मुँह की खानी पड़ी।



सुल्तानपुर से समाजवादी पार्टी के जिला पंचायत अध्यक्ष रहे पृथ्बीपाल यादव को अध्यक्ष पद के लिए दोबारा लड़ने की हरी झंडी देकर ऐन वक्त पर उनका टिकट काट दिया गया था। वही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उनकी अनुज बधू जब लम्भुआ से ब्लॉक प्रमुख की उम्मीदवार बनी तो पहले राह में रोड़े अटकाएं गए। जब किसी तरह ब्लॉक प्रमुख बन गई तो अविश्वास प्रस्ताव लाने की लगातार कोशिश होती रही। जब विरोधियों को इस में भी सफलता हाथ नहीं लगी तो इधर जब जिला पंचायत अध्यक्ष उषा सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग को लेकर दो पक्ष आमने-सामने हुए और दोनों गुट की तरफ से जिला पंचायत सदस्यों को अपने पाले में करने की होड़ लगी तो उसी में जिला पंचायत सदस्य मीना भी घर से बाहर निकल गई। विरोधियों को मौका मिल गया मीना के घर से बाहर होने को अपहरण की साजिश का ताना बाना बुना गया। लेकिन मीना के खुलकर सामने आ जाने से एक बार फिर पूर्व अध्यक्ष पृथ्बीपाल को फ़साने की साजिश बिफल हो गई।


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