वाराणसी : ट्रांसपोर्ट नगर के विरोध में किसानों ने खून से लिखे पत्र को लेकर खेत में किया प्रदर्शन

त्रिपुरारी यादव की रिपोर्ट :

वाराणसी : मोहनसराय बैरवन में मंगलवार को दोपहर 1 बजे किसान विरोधी ट्रान्सपोर्ट नगर योजना भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के आधार पर रद्द कर प्रभावित 1192 किसानों का नाम पुन: राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराने हेतु किसान संघर्ष समिति की संरक्षक एवं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रदेश सचिव श्वेता राय की अध्यक्षता में किसानों ने खून से खत लिखने के अभियान के दसवें दिन खून से पाती लिखने के बाद चैत माह की तपती धूप में जब देश का अधिकाशत: भू भाग सूखा बिरान परती हो गया है उस समय अपने हरे लहलहाते खेतों में खड़े होकर हाथों में खून से लिखा खत उठाकर प्रदर्शन किया।

श्वेता राय ने कहा कि, मोहनसराय ट्रान्सपोर्ट नगर योजना से प्रभावित 90% किसान छोटे-छोटे 5 से 10 विस्वा के रकबे के कास्तकार है, जिसमें फूल, बागवानी और सब्जी की खेती होती है, जिसमें महिलायें खेतों में काम करती हैं और पुरूष फूल मण्डी एवं सब्जी मण्डी में जाकर बहुफसली खेती में एक दूसरे का पूरक बनता है। लेकिन आज हमारी मातृ शक्ति अपने जमीन के ऱाजस्व अभिलेख में नाम नहीं रहने से विचलित है। राय ने कहा कि योजना से प्रभावित लोगों को अपनी बेटियों और बेटों का हाथ पीला अर्थात शादी करने में भी सामाजिक रूप से बहुत परेशानी हो रही है, क्योंकि जमीन पर वैधानिक रूप से नाम नहीं होने से समाज में लोगों की हैसियत पर प्रश्न वाचक चिन्ह लग रहा है, जिससे किसान विचलित होकर विक्षिप्त है। लेकिन दुर्भाग्य है कि सरकार के मुखिया हमारे सांसद हैं और उनके संसदीय क्षेत्र का किसान अपनी धरती माँ को बचाने के लिये लगातार दस दिन से खून से खत लिख रहे हैं और मोदीजी का कुनबा संवेदनहीनता की पराकाष्ठा लाँघ कर किसानों के धैर्य की परीक्षा ले रहा है ।

आम आदमी पार्टी के पूर्वांचल अध्यक्ष संजीव सिंह को भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के आधार पर 1998 से लागू जबसे उक्त परियोजना हुई है तबसे लेकर आज तक के दस्तावेज दिया गया। संजीव सिंह ने कहा कि पिछली दाखिल हाईकोर्ट की रीट का अध्ययन कर अगर जरूरत पड़ी तो भूमि अधिग्रहण कानून 2013 जिसमें स्पष्ट प्रावधान है कि योजना पाँच वर्ष तक विकसित नहीं हुई तो योजना निरस्त हो जायेगी को आधार बनाकर नयी याचिका हाईकोर्ट में दाखिल करने की बात हाईकोर्ट के सीनीयर वकील से हो गयी है ।

प्रदर्शन एवं खून से खत लिखने के अभियान में मुख्य रूप से विनय शंकर राय “मुन्ना “, मो. अकरम, मेवा पटेल, कृष्ण प्रसाद पटेल, अमलेश पटेल, फौजी पटेल, राणा चौहान, गायत्री देवी, प्रेम साह, नीरज पाण्डेय, मनोज सिंह,सुरेन्द्र डाक्टर, पवन सिंह प्रेम, सावित्री देवी, आरती पटेल, जग्गदाती देवी, सुरेन्द्र राजभर, सुजीत सिंह, विजय गुप्ता ,राहुल सिंह, अंशु मिश्रा, प्रीति सौरभ मिश्रा सहित इत्यादि की सहभागिता रही ।

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