सर्वेश कुमार की रिपोर्ट :
संभल : झोलाछाप के खिलाफ सरकार के निर्देश भले ही सख्त हों परन्तु संभल में अब भी झोलाछाप का खेल जारी है। ऐसे ही एक झोला छाप अस्पताल के संचालक ने इलाज एक में दो बच्चों और महिला की जान ले ली। अस्पताल के खिलाफ लोगों ने जमकर बवाल काटा और जाम लगाया। बाद में पुलिस और स्वास्थ्य तथा प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और डाक्टर को हिरासत में ले लिया है।
मामला क़स्बा एवं थाना गुन्नौर का है। यहाँ निजी नर्सिंग होम और जच्चा बच्चा सेण्टर चला रहे झोलाछाप के अस्पताल में गजाधपुर की जच्चा बच्चा और एक दूसरी महिला के नवजात शिशु की मौत हो गई। तीन मौतों के बाद लोग उत्तेजित हो गए तथा हंगामा कर जाम लगा दिया। भीड़ के तेवर से डर अस्पताल का स्टाफ भाग गया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और अस्पताल संचालक को कब्जे में ले लिया।
प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे के लोग भी मौके पर पहुंचे। सवाल ये है कि सरकार की सख्ती के बाबजूद तहसील मुख्यालय पर खुलेआम अस्पताल किस तरह चल रहा था ? बताया तो ये भी जाता है कि संचालक इससे पहले थोड़ी दूर एक दूसरा अस्पताल चलाता था, जिसके सील होने बाद शातिर डाक्टर ने दुसरे नाम से ये दूसरा अस्पताल खोल लिया और इसे धड़ल्ले से चला कर प्रसव और आपरेशन आदि कर मरीजों का स्वास्थ्य एवं आर्थिक शोषण कर रहा था।हंगामा और बबाल के बाद स्वास्थ्य महकमा चेता और बाद में आज हेल्थ के नोडल अधिकारी पवन सिंह ने अस्पताल को सील कर दिया।