नई दिल्ली, 14 नवंबर, 2017: उभरती अर्थव्यवस्थाओं को सस्ता इंटरनेट सुलभ कराने में सबसे आगे, डाटाविंड इंक. ने बाल दिवस पर खुशी रेनबो होम की निर्धन लड़कियों के लिए टैबलेट का योगदान दिया। कम्पनी के लिए यूबीस्लेट टैबलेट कम्प्युटर प्रदान कर 50 लाख भारतीयों के जीवन बदलने की उपलब्धि का यह एक बड़ा जश्न है। इस अवसर पर वर्तमान में भारत दौरे पर आए कनाडा के इनोवेशन, विज्ञान एवं आर्थिक विकास मंत्री श्री नवदीप बैंस की उपस्थिति में डाटाविंड के प्रेज़िडेंट और सीईओ श्री सुनीत सिंह तूली ने खुशी रेनबो होम की साधन हीन लड़कियों के लिए 50 से अधिक टैबलेट प्रदान किए और उनसे बात की।
डाटाविंड का दृढ़ विश्वास है कि लोगों को डिजिटल और इंटरनेट सुविधा से जोड़ने के लिए आधुनिक तकनीक को सभी के बजट में लाना होगा। इसलिए कम्पनी इस सुविधा की कीमत इतना कम करना चाहती है कि तकनीक ‘जन-जन’ के लिए सुलभ हो जाए और सही मायनों में तकनीक का प्रजातांत्रीकरण हो।
डाटाविंड फ्री इंटरनेट सुविधा देने वाली भारत की एकमात्र टैबलेट निर्माता कम्पनी है। डाटाविंड के सारे डिवाइस के साथ एक साल अनलिमिटेड इंटरनेट सुविधा निःशुल्क है। इसके साथ बाजार के सबसे सस्ते प्लान दिए जाते हैं। कनाडा में विकसित कम्पनी की यूनिक, पेटेंट तकनीक से वेब ब्राउज़िंग के लिए आवश्यक डाटा को 97 प्रतिशत तक कम्प्रेस कर दिया जाता है। डाटाविंड पिछली 8 तिमाहियों से बाजार पर अधिकतम अधिकार के साथ चोटी पर कायम है।
इस अवसर पर श्री सुनीत सिंह तूली ने कहा, ‘‘हमारा दृढ़ विश्वास है कि तकनीक से ‘बड़े बदलाव’ आएंगे और इंटरनेट से अछूते भारत के एक अरब से ज्यादा लोगों को इस सुविधा से जोड़ना हमारी मुहिम है। इसमें भारत के भविष्य – हमारे बच्चों और विशेष कर लड़कियों के हाथों में तकनीक की ताकत देना जरूरी है। अच्छी शिक्षा से वंचित बच्चों के लिए सस्ते टैबलेट (निःशुल्क इंटरनेट सहित) और उच्च स्तरीय शिक्षा सामग्री उपलब्ध कराने की डाटाविंड की मुहिम काफी सफल रही है। खुशी रेनबो होम के बच्चों की जिन्दगी में कुछ बदलाव की उम्मीद ने हमें इस दिशा में प्रयास जारी रखने का हौसला दिया है। 2011 में आकाश टैबलेट कम्प्युटर पेश कर हम ने इस सफर की शुरुआत की। हम दुनिया के सबसे सस्ते डाटा प्लान के साथ नए टैबलेट लांच करते रहेंगे। हमारे लिए डिजिटल इंडिया का अर्थ देश की निर्धनतम आबादी के लिए भी बेहतर तकनीक और इंटरनेट की सुविधा सुनिश्चित करना है। हमारा मानना है कि डिजिटल इंडिया का लक्ष्य जमीनी स्तर से विकास के दीर्घकालीन लक्ष्यों को पूरा करना है।’’
कनाडा के इनोवेशन, विज्ञान एवं आर्थिक विकास मंत्री श्री नवदीप बैंस ने कहा, ‘‘डाटाविंड के इस शानदार प्रयास का हिस्सा बनना हमारे लिए गर्व की बात है। यह कनाडा में विकसित तकनीक से भारत की आम जनता को बेहतर शिक्षा देने की मिसाल है। कनाडा सरकार भी इनोवेशन का सभी को लाभ देने का लक्ष्य रखती है जो यह कम्पनी बखूबी पूरा कर रही है। डाटाविंड के टैबलेट से ये बच्चे जो स्किल सीखेंगे उससे भावी अर्थव्यवस्था में उनके लिए तरक्की करना आसान होगा।’’
खुशी रेनबो होम (ओखला) की स्थापना 2008 में की गई। यहां 100 के करीब लड़कियां रहती हैं। इनमें अधिकांश पुरानी दिल्ली के आसपास की बस्तियों की बेघर लड़कियां हैं। यह उन लड़कियों का आश्रय है जो घरेलू बाल श्रमिक के रूप में कार्यरत रही हैं, अपने घरों से बिछुड़ गई हैं या भगा दी गई हैं। अपहरण की शिकार या देह व्यापार को लाचार लड़कियो को भी नर्क से निकालने वाली एजेंसियां खुशी रनेबो होम की सुरक्षा में रखती हैं। यहां ऐसे बच्चे भी हैं जो खतरनाक और अत्याचार के माहौल से जान बचा कर भागे हुए हैं।