नई दिल्ली : राफेल डील मामले में सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में रक्षा मंक्षालय से दस्तावेज चोरी होने की बात कही गयी है, जिसके बाद विपक्ष ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। वािण इस मामले में रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने विपक्ष और याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण को झटका दिया है। कोर्ट ने कहा है कि हम किसी भी नए दस्तावेज पर सुनवाई नहीं करेंगे। कोर्ट ने यह बात तब कही जब प्रशांत भूषण ने कोर्ट को नए दस्तावेज देने की कोशिश की। इसके साथ ही यह भी साफ हो गया कि अब आर्टिकल्स पर किसी तरह का संज्ञान नहीं लिया जाएगा।
इस मामले में सरकार की तरफ से दलील पेश करते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि रक्षा मंत्रालय से कुछ दस्तावेज किसी कर्मचारी द्वारा चुराए गए थे। उन्होंने कहा कि हम रक्षा खरीद, जिसमें राज्य की सुरक्षा शामिल है, उससे निपट रहे हैं। यह बहुत ही संवेदनशील मामला है। हिंदू अखबार, याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण और अन्य लोग चोरी के दस्तावेजों पर भरोसा कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत अभियोजन का सामना करना पड़ेगा। इसके बाद कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से पूछा कि जो दस्तावेज चुराए गए हैं, उस मामले में सरकार ने क्या कार्रवाई की है, दो बजे तक कोर्ट को बताएं।
हालांकि प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा कि आपने अपने आर्डर में मेरी मांग कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग पर सुनवाई ही नहीं की। हमने सीबीआई के सामने शिकायत की थी, आपने सीबीआई से रिपोर्ट तक नहीं मांगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दी थी, जिसमें गलतियां थीं। इसके आधार पर कोर्ट ने फैसला दिया था। यह परज्यूरि का मामला बनता है।